1232 नर्सिंग अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किये नियुक्ति पत्र।

  • दून मेडिकल कॉलेज के सभागार का किया लोकार्पण।
  • साढ़े तीन साल में 22 हजार से अधिक युवाओं को दी जा चुकी है सरकारी नौकरी-सीएम।
  • राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का हुआ है तेजी से विकास।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, पटेलनगर में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। प्रदेश में 1232 नये नर्सिंग अधिकारियों का नियुक्ति दी गई है। इस अवसर पर उन्होंने 26 करोड़ की लागत से बने दून मेडिकल कॉलेज के सभागार का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने सभी नर्सिंग अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को त्वरित चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब पूरा विश्व इस संकट से जूझ रहा था, तब हमारे नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन वॉरियर बनकर निःस्वार्थ सेवा में जुटे हुए थे। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात मरीजों की देखभाल करते हुए उनके जीवन को बचाने के लिए अथक परिश्रम किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारी पूर्ण निष्ठा, समर्पण और मानवीय मूल्यों के साथ कार्य करेंगे और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई ऊँचाई प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में लगभग 11 लाख से अधिक मरीजों को 2100 करोड़ रुपये से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ प्राप्त हो चुका है। इसके अलावा, राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रहे हैं, ताकि हमारे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को उनके जिले में ही आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं सहज रूप से उपलब्ध हो सकें। राज्य के प्रत्येक क्षेत्र के लिए हेली एंबुलेंस सेवा भी प्रारंभ की गई है, जो किसी भी आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए भी निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं, इसी क्रम में, चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए अब तक 173 असिस्टेंट प्रोफेसर्स, 56 संकाय सदस्य और 185 तकनीशियन नियुक्त किए जा चुके हैं। इसी का परिणाम है कि 3 वर्ष में ही प्रदेश के 22 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरी पाने में सफल रहे हैं।

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